महंगाई पर निबंध इस लेख को कुछ इस तरीके से लिखा गया है कि यह लेख सभी वर्ग के लोगों के लिए सहायक हो इसको कुछ इस तरह लिखा गया है कि यह कक्षा 5 वीं से कक्षा 12वीं तक के छात्रों के लिए मददगार साबित हो हमने इस लेख में सिर्फ मुख्य बिंदुओं को ही सम्मिलित किया है

महंगाई के ऊपर निबंध इस निबंध को कुछ इस प्रकार से लिखा गया है कि यदि आप कुछ ज्यादा मेहनत ना भी करे तो सिर्फ आप जिस प्रकार इस लेख में इस निबंध को लिखा गया है
बस वैसे ही परीक्षा में लिख दे तो आपको बहुत अच्छे अंक मिलने की पूरी संभावना रहेगी यह विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी बहुचर्चित निबंध है इस निबंध की शुरुआत प्रस्तावना के साथ होती है एवं उपसंहार इसका आखरी मुख्य बिंदु होगा
प्रस्तावना : संसार के सभी मनुष्य अपने जीवन को सुखी बनाना चाहते हैं सुख प्राप्ति की इच्छा जितनी बढ़ती जा रही है उतनी ही कठिनाई का अनुभव भी हो रहा है मनुष्य अपनी मूलभूत आवश्यकताओं जैसे (रोटी, कपड़ा और मकान) से परे की वस्तुओं को प्राप्त करने में सदैव लालायित रहता है इस कारण वह मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति में भी कठिनता का अनुभव करता है
निरंतर बढ़ती जनसंख्या के पेट भरने हेतु कृषि भूमि सीमित होती जा रही है इच्छाओं के समुद्र के आगे उत्पाद भी कम प्रतीत होता जा रहा है इस प्रकार पूर्ति से अधिक मांग की उत्पत्ति होती जा रही है यही महंगाई का मूलभूत कारण भी है जिस हिसाब से दुनिया में जनसंख्या की वृद्धि हो रही है आने वाले समय में प्राकृतिक संसाधनों में भारी कमी आ सकती है
महंगाई के निम्नलिखित कारण
वस्तुओं का कृत्रिम अभाव : महंगाई को निरंतर बढ़ाने में बड़े पूंजीपति, कालाबाजारी करने वाले और आवश्यक वस्तुओं को छुपा कर रखने वाले प्रमुख भूमिका निभाते हैं बड़े कारखानों वाले जीवन की दैनिक आवश्यकता की सामग्री का निर्माण करते हैं जिनका बाजार में कृत्रिम अभाव उत्पन्न कर तैयार माल को गोदामों में रोक लिया जाता है
व्यापारी रोके गए माल को थोड़ा-थोड़ा निकालकर अधिक मूल्य पर भेजते हैं इससे उपभोक्ताओं में असंतोष और महंगाई निरंतर बढ़ती है क्योंकि एक वस्तु की महंगाई का दूसरी वस्तु के मूल्य पर भी प्रभाव पड़ता है इस तरह बाजार में सभी प्रकार के वस्तुओं पर धीरे धीरे मूल्य बढ़ने लगता है
दूषित वितरण प्रणाली : हमारी वितरण प्रणाली भी दूषित है सरकार आवश्यक वस्तुओं पर अधूरा नियंत्रण रखती है जिनके हाथ में वस्तुओं के नियंत्रण का काम होता है वह लोग खुले बाजार में उसे अधिक मूल्य पर बेचने लगते हैं यह दूषित वितरण प्रणाली का एक मुख्य कारण है
जनसंख्या की निरंतर वृद्धि : देश में जनसंख्या वृद्धि गुणोत्तर रूप से होती जा रही है उत्पादन की दर जनसंख्या वृद्धि की दर से सदा पीछे बनी रहती है भूख, बीमारी, अशिक्षा और आवास की कमी आदि से बचने के लिए जनसंख्या पर शीघ्र ही कठोर नियंत्रण करना आवश्यक है
अन्यथा हरित क्रांति और श्वेत क्रांति तथा बड़े-बड़े बांध और विकास की अन्य योजनाएं भी हमारी रक्षा ना कर सकेंगी अगर इन्हें समय पर नियंत्रित किया गया तो|
झूठी शान और विलासिता: हमारे देश में झूठी शान और विलासिता पर भी बहुत अपव्यय किया जाता है बड़े-बड़े भोज विवाह और दहेज आदि पर बहुत व्यय अर्थात खर्चा किया जाता है और व्यवहार में संयम रखकर महंगाई को कुछ हद तक नियंत्रण में लाया जा सकता है इस पर खुली मानसिकता से काम करना होगा
क्रय शक्ति का बढ़ना: सरकार समय-समय पर अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देती रहती है इससे उन कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ती है और उधर बाजार में महंगाई बढ़ जाती है
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों को मिलता है और उसका दुष्परिणाम सारी से जनता को भी भुगतना पड़ता है इससे निजी संस्थाओं के कर्मचारी जिन्हें थोड़ा वेतन मिलता है कहीं ना कहीं उन्हें इसका कष्ट उठाना पड़ता है
महंगाई पर नियंत्रण के उपाय : बढ़ती हुई जनसंख्या को रोकने के लिए सरकार को दृढ़ संकल्प करना होगा जनता के प्रत्येक वर्ग को इस योजना में सरकार की सहायता करके अपनी ही सहायता करनी चाहिए खाद्य पदार्थों तथा दैनिक जीवन उपयोगी वस्तुओं की वितरण प्रणाली में निरंतरता तथा स्थिरता लानी चाहिए
यदि सरकार वितरण व्यवस्था ठीक करे तो करोड़ों रुपया जो मंगाई बातों में बढ़ाया जाता है उसे बचाया जा सकता है इससे अनावश्यक टैक्स वृद्धि से भी बचा जा सकता है
उपसंहार: विकसित देशों की अपेक्षा में विकासशील देश ही महंगाई जैसी समस्याओं से सर्वाधिक पीड़ित रहते हैं विकासशील देशों पर इसकी मार ज्यादा पड़ती है जनसंख्या विस्फोट, उपभोक्ता वस्तुओं की कमी, राजनीतिक भ्रष्टाचार, सरकारी कर्मचारियों में फैले भ्रष्टाचार आदि भी इस समस्या को बढ़ावा देते हैं
अतः सभी को अपने प्रति समाज के प्रति व देश के प्रति कर्तव्य का बोध होना चाहिए ऐसे देशवासी महंगाई ही नहीं देश में व्याप्त अनेक समस्याओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं
यदि आपने यह पूरा लेख पढ़ लिया है तो हमें उम्मीद है कि आपको महंगाई पर निबंध यह ले लेख आप को बड़ी ही आसानी से समझ में आ गया होगा एवं यह याद रखने की दृष्टि से भी काफी सरल लेख है जो कि आपको भविष्य में महंगाई के ऊपर चर्चा करने में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा